काठमांडू। सीपीएन-यूएमएल नेता बामदेव गौतम ने कहा है कि मदन-अश्रिता के नाम पर पार्टी पार्टी पर हावी होने की कोशिश कर रही है. स्मृति दिवस पर गौतम ने उन्हीं के पदचिन्हों पर चलकर समाजवाद के निर्माण का संकल्प लिया है।
28वें मदन-अश्रिता स्मृति दिवस के अवसर पर गौतम ने बृहत्तर वाम एकता के माध्यम से मदन भंडारी और जीवराज आश्रिता के मार्गदर्शन को सार्थक बनाने की प्रेरणा की कामना की. इसके लिए वह जिम्मेदार नेताओं से आग्रह करते हैं कि वे अपनी जिद, अहंकार और एकाधिकारवादी सोच से छुटकारा पाएं।
गौतम ने कहा है, अ. मदन और ए. आश्रित के मार्ग पर चलना, आपसी वैमनस्य और वैमनस्य से मुक्त होना, सहयोग की दिशा में बढ़ना है। हालांकि, आज विभाजन और विघटन उनके नाम पर पार्टी पर हावी होने की कोशिश कर रहे हैं।
आज मैं चाहता हूं कि सीपीएन (यूएमएल) सहित सभी स्तरों पर पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अधिक वामपंथी एकता के माध्यम से अपने मार्गदर्शन को सार्थक बनाने के लिए प्रेरित हों। इसके लिए मैं जिम्मेदार साथियों से आग्रह करता हूं कि वे अपनी जिद, अहंकार और एकाधिकारवादी सोच से मुक्त रहें।'
तत्कालीन यूएमएल महासचिव मदन भंडारी और संगठन विभाग के प्रमुख जीवराज असरित की 19 जून, 2008 को दासधुंगा में एक जीप दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
Kathmandu. CPN-UML leader Bamdev Gautam has said that the party is trying to dominate the party in the name of Madan-Ashrita. On Memorial Day, Gautam has resolved to build socialism by following in his footsteps.
On the occasion of the 28th Madan-Ashrita Memorial Day, Gautam also wished for the inspiration to make the guidance of Madan Bhandari and Jivraj Ashrita meaningful through greater left unity. For that, he urges the responsible leaders to get rid of their stubbornness, arrogance and monopolistic thinking.
Gautam has said, ‛a. Madan and a. To walk in the path of the dependent is to be free from disunity and mutual enmity, to move in the direction of cooperation. Today, however, divisiveness and dissolution are trying to dominate the party in their name.
I wish that today, leaders and cadres at all levels of the party, including the CPN (UML), be inspired to make their guidance meaningful through greater Left unity. For this, I urge the responsible comrades to be free from their stubbornness, arrogance and monopolistic thinking. '
The then UML general secretary Madan Bhandari and organization department chief Jivraj Asrit died in a jeep accident in Dasdhunga on June 19, 2008.
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मदन–आश्रीतको नाममा पार्टीभित्र विखण्डन र विसर्जनपन्थ हावी हुन खोज्यो : वामदेव गौतम
Reviewed by sptv nepal
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May 17, 2021
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