काठमांडू। यूसीपीएन (माओवादी) केंद्रीय समिति के अध्यक्ष पुष्पा कमल दहल प्रचंड सुप्रीम कोर्ट के कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (सीपीएन) और सीपीएन (माओवादी) के एकीकरण के फैसले के खिलाफ एक समीक्षा याचिका दायर करने के लिए शीर्ष अदालत पहुंचे हैं। अपील के साथ बर्शमैन पुन, जनार्दन शर्मा, गिरिराज मणि पोखरेल सहित अन्य शीर्ष पर पहुंच गए हैं।
UML और UCPN (M) को 7 मार्च को CPN (माओवादी) को भंग करके पुनर्जीवित किया गया था जबकि सर्वोच्च न्यायालय नाम विवाद पर फैसला सुना रहा था। प्रचंड ने यह कहते हुए समीक्षा के लिए जाने की घोषणा की थी कि उच्चतम न्यायालय का निर्णय राजनीतिक था। निलंबित सीपीएन-यूएमएल के वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल ने भी कहा कि पार्टी को समीक्षा के लिए जाना चाहिए।
माओवादी केंद्र सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने के पहले के निर्णय के बावजूद आंतरिक परामर्श में था। कानूनी प्रावधान है कि यदि अदालत का निर्णय संतुष्ट नहीं है, तो 60 दिनों के भीतर इसकी समीक्षा की जा सकती है। 15 जून 2008 को CPN-UML और UCPN (माओवादी) के एकीकरण के बाद पार्टी का नाम बदलकर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल (CPN) कर दिया गया।
हालांकि, कत्याल ने शीर्ष अदालत में एक मामला दायर किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी के नाम के साथ संघर्ष में पार्टी को पंजीकृत किया था।
पुनरावलोकनको रिट लिएर सर्वोच्च अदालत पुगे प्रचण्ड
Reviewed by sptv nepal
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March 30, 2021
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