काठमांडू, २४ जनवरी। प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली नीतिवचन और व्यंग्य का उपयोग करके विपक्ष पर हमला करने में अच्छे हैं।
उनकी अभिव्यक्ति प्रतिद्वंद्वी को बुरी तरह प्रभावित करती है। हमेशा आक्रामक रहने वाले ओली कल नारायणीति के सामने जनसभा में कमजोर दिखे।
वह ज्यादा आक्रामक नहीं हुआ। उनकी आलोचना मध्यम और कोमल थी। इससे बहुतों को आश्चर्य हुआ। इसके बजाय, गृह मंत्री राम बहादुर थापा बादल ने भी प्रचंड को चिड़ियाघर में कैद करने की धमकी दी।
शुक्रवार की बैठक में ओली भावुक हो गए। वह बोलना बंद कर दिया क्योंकि वह बोल नहीं सकता था। उसकी आंखों से आंसू पोंछने लगा। ओली कठोर हृदय वाला था। उसके बाद उन्होंने कड़ा बयान नहीं दिया।
कल कमजोर दिखने के लिए ओली को बहुत सार्थक माना जाता है। क्या वह कमजोर है? रुचि का विषय बन गया है।
इसके बजाय, ओली ने यह स्पष्ट किया कि वह संघवाद और गणतंत्रवाद के लिए खड़ा होगा। उन्होंने अमेरिकी गठबंधन के समर्थन में बात की, लेकिन कहा कि कुछ स्वतंत्रता बनाए रखना जवाब नहीं था।
उन्होंने याद दिलाया कि उन्होंने लंबे समय तक लोकतांत्रिक गणराज्य के लिए लड़ाई लड़ी थी और किसी से भी गुमराह नहीं होने का आग्रह किया था।
यद्यपि ओली संघवाद और गणतंत्र के पक्ष में नारायणहिती के सामने खड़ा था, लेकिन ओली ने धर्म के बारे में कुछ नहीं कहा।
उन्होंने अप्रैल में चुनाव कराने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने कहा: चुनाव चुनाव
ओलीको प्रस्तुती किन फितलो ?
Reviewed by sptv nepal
on
February 05, 2021
Rating:
No comments:
Post a Comment